सतेंद्र सिंह भदौरिया @ भोपाल। दिल्ली की तिहाड़ और महाराष्ट्र की ऐरवदा जेल की तरह अब मध्यप्रदेश की जेलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ‘स्पेशल कमांडो’ संभालेंगे। राज्य पुलिस के नए रंगरुटों को 90 दिन की खास ट्रेनिंग के जरिए स्पेशल कमांडो बनाया जाएगा। आधुनिक हथियार चलाने के गुर इंदौर के रुस्तमजी सशस्त्र पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में सिखाए जाएंगे। इसके बाद के एसएलआर, इंसास और एके-47 जैसे आधुनिक हथियारों से लैस इन रंगरूटों को जेलों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए पहला जत्था अगले माह इंदौर पहुंचेगा। चार जनवरी से ट्रेनिंग शुरू होगी।
राजधानी की सेंट्रल जेल से सिमी आतंकियों की फरारी के बाद सरकार सभी केंद्रीय जेलों की सुरक्षा को लेकर संजीदा है। खुफिया खबर यह भी है कि कुछ जेलों पर आतंकी संगठनों के गुर्गे हमला कर सकते हैं। ऐसे में राज्य की केंद्रीय जेलों की सुरक्षा को और भी पुख्ता करने के लिए कई फैसले किए गए हैं। इसी फेहरिस्त में 300 स्पेशल कमांडो की तैनाती होगी। यह पहली बार है जब राज्य की जेलों में तैनात नए रंगरूटों को कमांडो ट्रेनिंग दिलाकर तैनात किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए छांटे गए रंगरूटों में 100 महिला भी शामिल हैं। 23 उप-जेलरों को भी भोपाल स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर-भौंरी में कमांडो ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
निहत्थे ही देंगे दुश्मन को मात
स्पेशल कमांडो की ट्रेनिंग के दौरान इन जवानों को न सिर्फ मॉडर्न और आधुनिक हथियार चलाना सिखाया जाएगा, बल्कि निहत्थे होने की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब देना का हुनर भी सिखाया जाएगा। सभी स्पेशल कमांडो को जूडो-ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी मिलेगी।
इनका कहना है…
राज्य में जेलों की कड़ी-सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस मुख्यालय ने यह फैसला लिया है। 300 जवानों का दल अगले महीने 4 जनवरी से इंदौर में ट्रेनिंग शुरू कर देगा। ट्रेनिंग के बाद बने इन स्पेशल कमांडो को आधुनिक हथियारों से लैस कर जेलों में तैनात कर दिया जाएगा। यह कमांडो एके-47 जैसे हथियार भी चला सकेंगे।
– संजय चौधरी, डीजीपी जेल, मप्र
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